The Greatest Guide To sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
नवरात्रि के नौ दिनों तक इसका पालन करना होगा तभी ये पूर्ण फल प्रदान करेगा.
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
मनचाहा फल पाने के click here लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.